0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
""WE WELCOMME YOU TO VISIT ON SHADI BANDHAN GOVT REGISTRED MATRIMONIAL SERVICE""Regd No:UDYAM-HR-04-0000530'' शादी बंधन मेट्रीमोनियल संस्था फ्री में बिना दान दहेज करवाएगी गरीब लडकियों की शादी हिदू, सिख, बनिया, खत्री, मजबी या ना कास्ट बार लड़की के दाज रहित रिश्ते व शादी का इंतज़ाम शादी बंधन संस्था वर पक्ष से करवाएगी या खुद करेगी 7400360075 पर पंजीकरण कराइए YOU CAN CONTACT US BY WHATSAPP 7400360075 OR BY VISIT US ON OUR OFFICE SHADI BANDHAN GROUP FATEHABAD Street No 9 Kirti Nagar Road Fatehabad
Type Here to Search Desired Profile or Tag !

छोटा बांस, बड़ा बांस




एक दिन अकबर व बीरबल बाग में सैर कर रहे थे। बीरबल लतीफा सुना रहा था और अकबर उसका मजा ले रहे थे। तभी अकबर को नीचे घास पर पड़ा बांस का एक टुकड़ा दिखाई दिया। उन्हें बीरबल की परीक्षा लेने की सूझी।
 बड़ा बांस
बीरबल को बांस का टुकड़ा दिखाते हुए वह बोले, ‘‘क्या तुम इस बांस के टुकड़े को बिना काटे छोटा कर सकते हो ?’’ बीरबल लतीफा सुनाता-सुनाता रुक गया और अकबर की आंखों में झांका।
अकबर कुटिलता से मुस्कराए, बीरबल समझ गया कि बादशाह सलामत उससे मजाक करने के मूड में हैं।
अब जैसा बेसिर-पैर का सवाल था तो जवाब भी कुछ वैसा ही होना चाहिए था।
बीरबल ने इधर-उधर देखा, एक माली हाथ में लंबा बांस लेकर जा रहा था।
उसके पास जाकर बीरबल ने वह बांस अपने दाएं हाथ में ले लिया और बादशाह का दिया छोटा बांस का टुकड़ा बाएं हाथ में।
बीरबल बोला, ‘‘हुजूर, अब देखें इस टुकड़े को, हो गया न बिना काटे ही छोटा।’’
बड़े बांस के सामने वह टुकड़ा छोटा तो दिखना ही था।
निरुत्तर बादशाह अकबर मुस्करा उठे बीरबल की चतुराई देखकर।
Print Friendly and PDF

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad