धोबी का कुत्ता
किसी गांव मे एक गरीब घोबी रहता था उस धोबी के पास एक गधा और एक कुत्ता था दोनों धोबी के साथ रोज सुबह धोबी घाट जाया करते थे व शाम को धोबी के साथ ही घर वापिस आया करते थे धोबी का गधा शांत
स्वभाव का था और स्वामी भक्त भी था लेकिन धोबी का कुत्ता आलसी और कृत्घन था गधा अपना काम पूरी लगन के साथ करता था जब सुबह धोबी धोबीघाट को जाता था तो सारे कपडे गधे पर लाद कर ले जाता था और शाम को गधे पर ही सारे कपडे लाद कर वापिस लाया करता था कभी कभी तो धोबी जब थका होता था तो खुद भी गधे पर बैठ कर वापिस घर को आता था दिन भर गधा धोबी घाट के नजदीक हरी हरी घास चारा करता था धोबी का कुत्ता सारा दिन धोबी घाट मे सोया ही रहता था एक दिन गधे ने कुत्ते से पूछा की तुम भी मालिक के लिए कोई काम क्यूँ नहीं करते? कुत्ते ने जवाब दिया कि मालिक कौन सा हमें पेट भर के खाना देता है अपना बचा खुचा खाना हमें डाल देता है इतना कह कर कुत्ता फिर से आराम से सो गया एक दिन धोबी के घर मे कोई चोर घुस आया चोर को आते हुए कुत्ते ने देख लिया था पर कुत्ता भौका नहीं उधर गधे ने भी चोर को देख लिया था गधे ने कुत्ते से कहा की इस समय तुम्हारा फर्ज बनाता है कि तुम भौक -भौक कर मालिक को जगाओ ताकि मालिक जाग जाये ओर उसको पता चल सके कि घर में चोर घुस आया है कुत्ते ने कहा मालिक सो रहा है जगाने पर मुझे ही मारेगा गधे ने कहा कि क्यूँ मारेगा हम तो उसका फ़ायदा कर रहे है कुत्ता इस बात के लिए नहीं माना गधे से रहा नहीं गया और उसने खुद हिण्कणा शुरू कर दिया आधी रात को गधे के हिण्कणे पर धोबी को गुस्सा आ गया धोबी उठा उसने डंडा उठा कर तीन चार डंडे गधे को जड़ दिए और सो गया धोबी के सो जाने के बाद कुत्ते ने गधे से कहा देखा मै कहता था न कि मालिक मारेगा फिर उसने बताया कि "जिस का काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे " इस पर गधे ने कहा भाई तुम ठीक थे मे ही गलत था
किसी गांव मे एक गरीब घोबी रहता था उस धोबी के पास एक गधा और एक कुत्ता था दोनों धोबी के साथ रोज सुबह धोबी घाट जाया करते थे व शाम को धोबी के साथ ही घर वापिस आया करते थे धोबी का गधा शांत
स्वभाव का था और स्वामी भक्त भी था लेकिन धोबी का कुत्ता आलसी और कृत्घन था गधा अपना काम पूरी लगन के साथ करता था जब सुबह धोबी धोबीघाट को जाता था तो सारे कपडे गधे पर लाद कर ले जाता था और शाम को गधे पर ही सारे कपडे लाद कर वापिस लाया करता था कभी कभी तो धोबी जब थका होता था तो खुद भी गधे पर बैठ कर वापिस घर को आता था दिन भर गधा धोबी घाट के नजदीक हरी हरी घास चारा करता था धोबी का कुत्ता सारा दिन धोबी घाट मे सोया ही रहता था एक दिन गधे ने कुत्ते से पूछा की तुम भी मालिक के लिए कोई काम क्यूँ नहीं करते? कुत्ते ने जवाब दिया कि मालिक कौन सा हमें पेट भर के खाना देता है अपना बचा खुचा खाना हमें डाल देता है इतना कह कर कुत्ता फिर से आराम से सो गया एक दिन धोबी के घर मे कोई चोर घुस आया चोर को आते हुए कुत्ते ने देख लिया था पर कुत्ता भौका नहीं उधर गधे ने भी चोर को देख लिया था गधे ने कुत्ते से कहा की इस समय तुम्हारा फर्ज बनाता है कि तुम भौक -भौक कर मालिक को जगाओ ताकि मालिक जाग जाये ओर उसको पता चल सके कि घर में चोर घुस आया है कुत्ते ने कहा मालिक सो रहा है जगाने पर मुझे ही मारेगा गधे ने कहा कि क्यूँ मारेगा हम तो उसका फ़ायदा कर रहे है कुत्ता इस बात के लिए नहीं माना गधे से रहा नहीं गया और उसने खुद हिण्कणा शुरू कर दिया आधी रात को गधे के हिण्कणे पर धोबी को गुस्सा आ गया धोबी उठा उसने डंडा उठा कर तीन चार डंडे गधे को जड़ दिए और सो गया धोबी के सो जाने के बाद कुत्ते ने गधे से कहा देखा मै कहता था न कि मालिक मारेगा फिर उसने बताया कि "जिस का काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे " इस पर गधे ने कहा भाई तुम ठीक थे मे ही गलत था
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